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Hasan Rizvi Khawab In Hindi - Best Khawab Of Hasan Rizvi Poetry Collection In Hindi - Darsaal

Khawab Poetry of Hasan Rizvi

Khawab Poetry of Hasan Rizvi
नामहसन रिज़वी
अंग्रेज़ी नामHasan Rizvi
जन्म की तारीख1946
मौत की तिथि2002

फिर नए ख़्वाब बुनें फिर नई रंगत चाहें

न वो इक़रार करता है न वो इंकार करता है

मोहब्बत का अजब ज़ाविया है

खिलने लगे हैं फूल और पत्ते हरे हुए

कभी शाम-ए-हिज्र गुज़ारते कभी ज़ुल्फ़-ए-यार सँवारते

कभी किताबों में फूल रखना कभी दरख़्तों पे नाम लिखना

इस दर्जा मेरी ज़ात से उस को हसद हुआ

हवा के रुख़ पर चराग़-ए-उल्फ़त की लौ बढ़ा कर चला गया है

गई रुतों को भी याद रखना नई रुतों के भी बाब पढ़ना

हसन रिज़वी ख्वाब Poetry in Hindi - Read famous ख्वाब Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by हसन रिज़वी. Largest collection of ख्वाब Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by हसन रिज़वी. Share the हसन रिज़वी ख्वाब Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.