Khawab Poetry of Hasan Rizvi
नाम | हसन रिज़वी |
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अंग्रेज़ी नाम | Hasan Rizvi |
जन्म की तारीख | 1946 |
मौत की तिथि | 2002 |
फिर नए ख़्वाब बुनें फिर नई रंगत चाहें
न वो इक़रार करता है न वो इंकार करता है
मोहब्बत का अजब ज़ाविया है
खिलने लगे हैं फूल और पत्ते हरे हुए
कभी शाम-ए-हिज्र गुज़ारते कभी ज़ुल्फ़-ए-यार सँवारते
कभी किताबों में फूल रखना कभी दरख़्तों पे नाम लिखना
इस दर्जा मेरी ज़ात से उस को हसद हुआ
हवा के रुख़ पर चराग़-ए-उल्फ़त की लौ बढ़ा कर चला गया है
गई रुतों को भी याद रखना नई रुतों के भी बाब पढ़ना