Ghazals of Hasan Nizami
नाम | हसन निज़ामी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Hasan Nizami |
जन्म की तारीख | 1967 |
जन्म स्थान | Jharia, Dhanbad |
ज़ुल्मत ही पहले थी जो हवाले में रह गई
ज़िंदगी ग़मगीन होती जा रही है
तल्ख़ियाँ रह जाएँगी लफ़्ज-ए-वफ़ा रह जाएगा
तय मुझ से ज़िंदगी का कहाँ फ़ासला हुआ
सूखे हुए दरख़्त के पत्तों को देखना
शाख़ से फूल को फिर जुदा कर दिया
रुत है ऐसी कि दर-ओ-बाम न साए होंगे
पहले नज़्र लब-ओ-रुख़्सार करेगी दुनिया
मैं घर से ज़ेहन में कुछ सोचता निकल आया
जुदाई भी क़राबत की तरह थी
आँख की राह से बुझते हुए लम्हे उतरे