जो मेरे दश्त-ए-जुनूँ में था फ़र्क़-ए-रू-ए-बहार
जो मेरे दश्त-ए-जुनूँ में था फ़र्क़-ए-रू-ए-बहार
वही ख़िरद के ख़राबे में इक गुलाब बना
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जो मेरे दश्त-ए-जुनूँ में था फ़र्क़-ए-रू-ए-बहार
वही ख़िरद के ख़राबे में इक गुलाब बना
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