Love Poetry of Hasan Kamal
नाम | हसन कमाल |
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अंग्रेज़ी नाम | Hasan Kamal |
कविताएं
Ghazal 10
Love 7
Sad 7
Heart Broken 7
Bewafa 1
Hope 2
Friendship 3
Islamic 1
ख्वाब 3
Sharab 1
सर उठा कर न कभी देखा कहाँ बैठे थे
सब की बिगड़ी को बनाने निकले
कल ख़्वाब में देखा सखी मैं ने पिया का गाँव रे
इनायत कम मोहब्बत कम वफ़ा कम
दिल लुटेगा जहाँ ख़फ़ा होगा
बिसात दिल की भला क्या निगाह-ए-यार में है
अपनी वज्ह-ए-बर्बादी जानते हैं हम लेकिन क्या करें बयाँ लोगो