Sad Poetry of Hasan Jameel
नाम | हसन जमील |
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अंग्रेज़ी नाम | Hasan Jameel |
तिलिस्म-ए-आतिश-ए-ग़म आज़माने वाला हो
तिरी जुदाई ने ये क्या बना दिया है मुझे
नज़र में मंज़र-ए-रफ़्ता समा भी सकता है
दश्त में फूल खिला रक्खा है
अर्सा-ए-उम्र मिले वुसअ'त-ए-वीराँ में मुझे