कोई दानाइयों को हेच जाने
कोई दानाइयों को हेच जाने
कोई नादानियों से ख़ुश नहीं है
कभी घबरा उठे दिल मुश्किलों से
कभी आसानियों से ख़ुश नहीं है
गुलों से है गिला शाख़-ए-शजर को
समुंदर पानियों से ख़ुश नहीं है
कोई हंगामा आराई पे नालाँ
कोई वीरानियों से ख़ुश नहीं है
दिला मेरी तबीअ'त इन दिनों कुछ
तिरी मन-मानियों से ख़ुश नहीं है
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