कहा जब तुम से चारा दर्द-ए-दिल का हो नहीं सकता

कहा जब तुम से चारा दर्द-ए-दिल का हो नहीं सकता

तो झुँझला कर कहा तेरा कलेजा हो नहीं सकता

वो अपनी ज़िद के पूरे हट के पूरे आन के पूरे

फ़क़त इतनी कमी है क़ौल पूरा हो नहीं सकता

कहाँ की चारा-फ़रमाई अयादत तक नहीं करते

मसीहाई पे मरते हैं और इतना हो नहीं सकता

सर-ए-तूर उन के जल्वे ने पुकारा ख़ुद-नुमा हो कर

कि अपने चाहने वाले से पर्दा हो नहीं सकता

कहा जब उन से मेरी ज़िंदगी तुम हो कहा हँस कर

मैं समझा अब तुम्हें मेरा भरोसा हो नहीं सकता

मिरा घर ग़ैर का घर तो नहीं क्यूँ-कर वो खुल खेलें

निगाहें उठ नहीं सकतीं इशारा हो नहीं सकता

'शरफ़' और 'रश्क' के कहने से कुछ तुक-बंदियाँ कर लीं

'हसन' अफ़्कार में हम से दो-ग़ज़ला हो नहीं सकता

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