आईना तुम्हारे नक़्श-ए-पा का

आईना तुम्हारे नक़्श-ए-पा का

ख़ुर्शीद को दे सबक़ जिला का

ओ वस्ल में मुँह छुपाने वाले

ये भी कोई वक़्त है हया का

जब आँख खुली तो बे-ख़ुदों से

पर्दा था जमाल-ए-ख़ुद-नुमा का

दिल और वो बुत ज़हे मुक़द्दर

ज़ुल्म और ये दिल ग़ज़ब ख़ुदा का

जा बैठे हैं मुझ से दूर उठ कर

क्या पास किया है इल्तिजा का

बोले वो 'हसन' का ख़ून मल कर

क्या शोख़ है रंग इस हिना का

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Aaina Tumhaare Naqsh-e-pa Ka In Hindi By Famous Poet Hasan Barelvi. Aaina Tumhaare Naqsh-e-pa Ka is written by Hasan Barelvi. Complete Poem Aaina Tumhaare Naqsh-e-pa Ka in Hindi by Hasan Barelvi. Download free Aaina Tumhaare Naqsh-e-pa Ka Poem for Youth in PDF. Aaina Tumhaare Naqsh-e-pa Ka is a Poem on Inspiration for young students. Share Aaina Tumhaare Naqsh-e-pa Ka with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.