Sad Poetry of Hasan Aziz
नाम | हसन अज़ीज़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Hasan Aziz |
जन्म स्थान | Kanpur |
इक क़िस्सा-ए-तवील है अफ़्साना दश्त का
देखूँ वो करती है अब के अलम-आराई कि मैं
भटक रहा हूँ मैं इस दश्त-ए-संग में कब से
शुआ-ए-ज़र न मिली रंग-ए-शाइराना मिला
ख़ुद पर कोई तूफ़ान गुज़र जाने के डर से
जो नक़्श-ए-बर्ग-ए-करम डाल डाल है उस का
इक क़िस्सा-ए-तवील है अफ़्साना दश्त का
देखूँ वो करती है अब के अलम-आराई कि मैं
अजीब हाल है सहरा-नशीं हैं घर वाले