Hope Poetry of Hasan Akhtar Jaleel
नाम | हसन अख्तर जलील |
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अंग्रेज़ी नाम | Hasan Akhtar Jaleel |
ये रात काश इसी दिलकशी से ढलती रहे
ये रात काश इसी दिलकशी से ढलती रहे
सीने में चराग़ जल रहा है
निभाओ अब उसे जो वज़्अ भी बना ली है
ख़ला के दश्त में ये तुर्फ़ा माजरा भी है
इक भयानक तीरगी है रौशनी ऐ रौशनी
दिल की तरफ़ निगाह-ए-तग़ाफ़ुल रहा करे
आरज़ू की हमा-हामी और मैं