Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_6fec948db56c75efc37f546288e7ac58, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
तिश्ना-कामों को यहाँ कौन सुबू देता है - हसन आबिदी कविता - Darsaal

तिश्ना-कामों को यहाँ कौन सुबू देता है

तिश्ना-कामों को यहाँ कौन सुबू देता है

गुल को भी हाथ लगाओ तो लहू देता है

नेश्तर और सही कार-ए-दिगर और सही

दिल-ए-सद-चाक अगर इज़्न-ए-रफ़ू देता है

ताब-ए-फ़रियाद भी दे लज़्ज़त-ए-बेदाद भी दे

देने वाले जो मुझे सोज़-ए-गुलू देता है

हम तो बर्बाद हुए बर्ग-ए-ख़िज़ाँ की सूरत

शाख़-ए-गुल कौन तुझे ज़ौक़-ए-नुमू देता है

मुनसिफ़ो हाथ से अब दशना-ओ-ख़ंजर रख दो

क्या बुरा है अगर इंसाफ़ अदू देता है

ऐ ख़ुदावंद मिरे शेर की क़ीमत क्या है

एक रोटी का निवाला जिसे तू देता है

(902) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Tishna-kaamon Ko Yahan Kaun Subu Deta Hai In Hindi By Famous Poet Hasan Abidi. Tishna-kaamon Ko Yahan Kaun Subu Deta Hai is written by Hasan Abidi. Complete Poem Tishna-kaamon Ko Yahan Kaun Subu Deta Hai in Hindi by Hasan Abidi. Download free Tishna-kaamon Ko Yahan Kaun Subu Deta Hai Poem for Youth in PDF. Tishna-kaamon Ko Yahan Kaun Subu Deta Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Tishna-kaamon Ko Yahan Kaun Subu Deta Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.