Ghazals of Hasan Abbasi
नाम | हसन अब्बासी |
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अंग्रेज़ी नाम | Hasan Abbasi |
जन्म की तारीख | 1971 |
उदास शामों बुझे दरीचों में लौट आया
सुनहरे ख़्वाब आँखों में बुना करते थे हम दोनों
रात-दिन पुर-शोर साहिल जैसा मंज़र मुझ में था
रात ये कौन मिरे ख़्वाब में आया हुआ था
ख़्वाब अपने मिरी आँखों के हवाले कर के
ख़मोश रह कर पुकारती है
कभी जो आँखों के आ गया आफ़्ताब आगे
घर से मेरा रिश्ता भी कितना रहा