Love Poetry of Hasan Aabid
नाम | हसन आबिद |
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अंग्रेज़ी नाम | Hasan Aabid |
सोच का धारा
वक़्त अजीब चीज़ है वक़्त के साथ ढल गए
थे वो क़िस्से मगर सराब के थे
शहर में शोर है उस शोख़ के आ जाने का
फिर सजे बज़्म-ए-तरब ज़ुल्फ़ खुले शाना चले
मुझे किसी से किसी बात का गिला ही नहीं
कुछ अजीब आलम है होश है न मस्ती है
ख़ुद को पाने की जुस्तुजू है वही
हुस्न-ए-मुख़्तार सही इश्क़ भी मजबूर नहीं
गुल हुए चाक-गरेबाँ सर-ए-गुलज़ार ऐ दिल
एहतियात ऐ दिल-ए-नादाँ वो ज़माने न रहे