हिज्र
इक मुहीब सन्नाटा
हिज्र का घना जंगल
जिस के सब दरख़्तों पर
वहशतों का पैराहन
पैरहन से लिपटी है
ना-उमीदियों की बेल
बेल का हर इक पत्ता
अपने दामन-ए-दिल में
हिज्र का घना जंगल
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इक मुहीब सन्नाटा
हिज्र का घना जंगल
जिस के सब दरख़्तों पर
वहशतों का पैराहन
पैरहन से लिपटी है
ना-उमीदियों की बेल
बेल का हर इक पत्ता
अपने दामन-ए-दिल में
हिज्र का घना जंगल
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