अंन्याय
राधा-जी के पती अभय
कृष्ण की पत्नी रुक्मनी
राधा कृष्ण की प्रेमिका
कृष्ण-जी उन के प्रेमी
जग में चारों और करें सब
उन के नाम का जाप
हम जो मन को हार दें
हमें लगे है पाप
भूल के सब कुछ सोहनी
क्या शौहर क्या संसार
महींवाल की प्रीत में करती
बिफरा दरिया पार
सोहनी ठहरी देविका
उसे करें प्रणाम
हम जो मन को हार दें
हो जाएँ बद-नाम
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