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आवाज़ - हारिस ख़लीक़ कविता - Darsaal

आवाज़

उस की आमद के तसव्वुर से सँभलती आवाज़

उस की क़ुर्बत की तमाज़त से पिघलती आवाज़

सुब्ह-दम शोख़ परिंदों के चहकने की सदा

बंद कलियों के नए रूप की खुलती आवाज़

बहर-ए-ज़ख़्ख़ार की आदत है ये ठहरा हुआ शोर

तेज़ दरियाओं के पानी की मचलती आवाज़

कोहसारों के चटख़ने से गरजने की सदा

और चश्मों की रवानी से उछलती आवाज़

गर्दिश-ए-ख़ूँ में रवाँ दिल के धड़कने की सदा

अश्क-ए-ख़ूँ-नाब के अंदर से उबलती आवाज़

कार-ख़ानों की मशीनों की मिलों की आवाज़

गाड़ियों तांगों बसों साईकिलों की आवाज़

बहर-ओ-बर कुछ भी न होते ये जहाँ क्या होता!

गर ये आवाज़ न होती तो यहाँ क्या होता

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Aawaz In Hindi By Famous Poet Haris Khaleeq. Aawaz is written by Haris Khaleeq. Complete Poem Aawaz in Hindi by Haris Khaleeq. Download free Aawaz Poem for Youth in PDF. Aawaz is a Poem on Inspiration for young students. Share Aawaz with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.