Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_f48ab039b877dfe0f1bbc9ccbe64cc21, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
फिर उन की याद के दीपक जलाए हैं मैं ने - हरबंस लाल अनेजा 'जमाल' कविता - Darsaal

फिर उन की याद के दीपक जलाए हैं मैं ने

फिर उन की याद के दीपक जलाए हैं मैं ने

कि ख़ुफ़्ता हसरत-ओ-अरमाँ जगाए हैं मैं ने

ज़माना जिन के तसव्वुर से ही लरज़ उठ्ठे

क़लील उम्र में वो ग़म उठाए हैं मैं ने

ग़म-ओ-अलम के समुंदर में डूब कर अक्सर

नशात-ओ-ऐश के नग़्मात गाए हैं मैं ने

नहीं नहीं है नहीं क़ाबिल-ए-यक़ीं कोई

ख़ुदा के बंदे बहुत आज़माए हैं मैं ने

हुआ है आज ये इक लम्हा-ए-तरब हासिल

वगरना आँसू ही आँसू बहाए हैं मैं ने

'जमाल' तल्ख़ तजरबात बुग़्ज़-ओ-नफ़रत से

तराने मेहर-ओ-वफ़ा के सुनाए हैं मैं ने

(709) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Phir Unki Yaad Ke Dipak Jalae Hain Maine In Hindi By Famous Poet Harbans Lal Aneja 'jamaal'. Phir Unki Yaad Ke Dipak Jalae Hain Maine is written by Harbans Lal Aneja 'jamaal'. Complete Poem Phir Unki Yaad Ke Dipak Jalae Hain Maine in Hindi by Harbans Lal Aneja 'jamaal'. Download free Phir Unki Yaad Ke Dipak Jalae Hain Maine Poem for Youth in PDF. Phir Unki Yaad Ke Dipak Jalae Hain Maine is a Poem on Inspiration for young students. Share Phir Unki Yaad Ke Dipak Jalae Hain Maine with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.