Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_9a561780018b444e5d93028fa069f8cd, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
ऐ यास जो तू दिल में आई सब कुछ हुआ पर कुछ भी न हुआ - हक़ीर कविता - Darsaal

ऐ यास जो तू दिल में आई सब कुछ हुआ पर कुछ भी न हुआ

ऐ यास जो तू दिल में आई सब कुछ हुआ पर कुछ भी न हुआ

याँ हो गई ख़ाना-वीरानी और तेरा ज़रर कुछ भी न हुआ

था क़स्द कि उन को रोकेंगे शब गुज़री इन्हीं अंदेशों में

पर हाए-रे नाकामी दिल की हंगाम-ए-सहर कुछ भी न हुआ

एहसान तिरा मुझ पर होता गर रूह को करता तन से जुदा

जब जान बची फ़ुर्क़त की शब ऐ दर्द-ए-जिगर कुछ भी न हुआ

ऐ काश वो बातें की होतीं जो वहशत-ए-दिल को कम करतीं

इतना जो बका तो ऐ नासेह मुझ को तो असर कुछ भी न हुआ

अब चाहिए ऐसी फ़िक्र तुझे जिस से कि नज़ारे की ठहरे

हर वक़्त के रोने से हासिल ऐ दीदा-ए-तर कुछ भी न हुआ

दिल और जिगर जाँ और ये सर हम शौक़ से लाए पास तिरे

क़िस्मत का गिला अब किस से करें मंज़ूर-ए-नज़र कुछ भी न हुआ

या उस से जवाब-ए-ख़त लाना या क़ासिद इतना कह देना

बचने का नहीं बीमार तिरा इरशाद अगर कुछ भी न हुआ

धुन वस्ल की तुझ पर ग़ालिब है तू ऐश-ओ-तरब का तालिब है

क्या लुत्फ़ 'हक़ीर' इस उल्फ़त का बेताब अगर कुछ भी न हुआ

(825) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Ai Yas Jo Tu Dil Mein Aai Sab Kuchh Hua Par Kuchh Bhi Na Hua In Hindi By Famous Poet Haqeer. Ai Yas Jo Tu Dil Mein Aai Sab Kuchh Hua Par Kuchh Bhi Na Hua is written by Haqeer. Complete Poem Ai Yas Jo Tu Dil Mein Aai Sab Kuchh Hua Par Kuchh Bhi Na Hua in Hindi by Haqeer. Download free Ai Yas Jo Tu Dil Mein Aai Sab Kuchh Hua Par Kuchh Bhi Na Hua Poem for Youth in PDF. Ai Yas Jo Tu Dil Mein Aai Sab Kuchh Hua Par Kuchh Bhi Na Hua is a Poem on Inspiration for young students. Share Ai Yas Jo Tu Dil Mein Aai Sab Kuchh Hua Par Kuchh Bhi Na Hua with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.