Heart Broken Poetry of Hans Raj Sachdev 'hazii.n'
नाम | हंस राज सचदेव 'हज़ीं' |
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अंग्रेज़ी नाम | Hans Raj Sachdev 'hazii.n' |
जन्म की तारीख | 1913 |
उन्हें देखते ही फ़िदा हो गए हम
उन के आने पे दिल फ़िदा होगा
तुम कभी माइल-ए-करम न हुए
न वो वलवले हैं दिल में न वो आलम-ए-जवानी
मुँह-ज़ोर हैं मग़रूर हैं पुर-कार नहीं हैं
ख़ुशी गर है तो क्या मातम नहीं है
कशाँ कशाँ लिए जाता है कू-ए-यार मुझे
काश होती न ये ख़ता हम से