डोर के अगले सिरे पर तन्हा हूँ
सारी रौनक़ और लताफ़त
जिन रंगों के साथ बंधी है
वो सुख के उन रंगों को भी
तंहाई में सान रहे हैं
मेरे दुखों को तान रहे हैं
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सारी रौनक़ और लताफ़त
जिन रंगों के साथ बंधी है
वो सुख के उन रंगों को भी
तंहाई में सान रहे हैं
मेरे दुखों को तान रहे हैं
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