Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_b28e7ee89510a5b778b2bf6ecc4b1f08, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
''दीवानों का नाम अबद तक होता है'' - हनीफ़ तरीन कविता - Darsaal

''दीवानों का नाम अबद तक होता है''

सुना है उस ने पढ़ते पढ़ते

आँखों को हैरान किया है

पुश्त से लिपटे आईनों के

ज़ँगारों का ध्यान किया है

सदियों पर फैली, अन-देखी

रौशनियों का ज्ञान किया है

पल-दो-पल विश्राम किया था

सुना है उस ने लिखते लिखते

दफ़्तर में अपने जीवन के

दिन काटे तो

रातों का वरदान दिया है

गहरी फ़िक्र के मोटे मोटे

शीशे पहन कर

लफ़्ज़ों में नए मअ'नी और मफ़्हूम समो कर

और गुमान के दरवाज़ों पर

नए तौर से दस्तक दे कर

फ़िक्र की ऊँचाई से गुज़र कर

बड़े बड़े इनआम हैं पाए

दुनिया के सम्मान उठाए

लेकिन अब तो

अपने आर्ट के ताज-महल में

इक तस्वीर सा लटका हुआ है

(872) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Diwanon Ka Nam Abad Tak Hota Hai In Hindi By Famous Poet Hanif Tarin. Diwanon Ka Nam Abad Tak Hota Hai is written by Hanif Tarin. Complete Poem Diwanon Ka Nam Abad Tak Hota Hai in Hindi by Hanif Tarin. Download free Diwanon Ka Nam Abad Tak Hota Hai Poem for Youth in PDF. Diwanon Ka Nam Abad Tak Hota Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Diwanon Ka Nam Abad Tak Hota Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.