हनीफ़ तरीन कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का हनीफ़ तरीन
नाम | हनीफ़ तरीन |
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अंग्रेज़ी नाम | Hanif Tarin |
जन्म की तारीख | 1951 |
जन्म स्थान | Saudi Arabia |
रिश्ते नाते टूटे फूटे लगे हैं
रेत पर जलते हुए देख सराबों के चराग़
पानी ने जिसे धूप की मिट्टी से बनाया
महफ़िल में फूल ख़ुशियों के जो बाँटता रहा
जिन का यक़ीन राह-ए-सुकूँ की असास है
हर ज़ख़्म-ए-कोहना वक़्त के मरहम ने भर दिया
बस्ती के हस्सास दिलों को चुभता है
साँप का साया ख़्वाब मेरे डस जाता है
''ख़्वाहिश बाज़ू फैलाती है''
''जब तर्सील बटन तक पहुँची''
डोर के अगले सिरे पर तन्हा हूँ
दो-धारी तलवार
''दीवानों का नाम अबद तक होता है''
धरती का उपहार मिला जब
उस के गुलाबी होंट तो रस में बसे लगे
सुलगती याद से ख़ूँ अट न जाए
सिमटती शाम अगर दर्द को जगाएगी
नश्शा करने का बहाना हो गया
किस के ख़याल ने मुझे शोरीदा कर दिया
ख़िज़ाँ में ओढ़ के क़ौल-ओ-क़रार का मौसम
गर्दिश की रक़ाबत से झगड़े के लिए था
एहसास-ए-ना-रसाई से जिस दम उदास था
दिल गिराँ-बारी-ए-वहशत में जिधर जाता है
आँखों पर पलकों का बोझ नहीं होता
आइए आसमाँ की ओर चलें