है राह-रौ के हुए हादसात की दीवार

है राह-रौ के हुए हादसात की दीवार

गिराए कौन ये गर्द-ए-हयात की दीवार

सहर हमारे मुक़द्दर से दूर होती गई

बुलंद होती गई रोज़ रात की दीवार

मिटे जो ये हद्द-ए-फ़ासिल तो आप तक पहुँचें

हमारे बीच में हाइल है ज़ात की दीवार

अना अना के मुक़ाबिल है राह कैसे खुले

तअल्लुक़ात में हाइल है बात की दीवार

न जाने कौन से झोंके में गिर पड़े 'कैफ़ी'

शिकस्ता होने लगी है हयात की दीवार

(1024) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Hai Rah-rau Ke Hue Hadsat Ki Diwar In Hindi By Famous Poet Haneef Kaifi. Hai Rah-rau Ke Hue Hadsat Ki Diwar is written by Haneef Kaifi. Complete Poem Hai Rah-rau Ke Hue Hadsat Ki Diwar in Hindi by Haneef Kaifi. Download free Hai Rah-rau Ke Hue Hadsat Ki Diwar Poem for Youth in PDF. Hai Rah-rau Ke Hue Hadsat Ki Diwar is a Poem on Inspiration for young students. Share Hai Rah-rau Ke Hue Hadsat Ki Diwar with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.