Ghazals of Haneef Kaifi
नाम | हनीफ़ कैफ़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Haneef Kaifi |
जन्म की तारीख | 1934 |
जन्म स्थान | Delhi |
थे मिरे ज़ख़्मों के आईने तमाम
तमाम आलम से मोड़ कर मुँह मैं अपने अंदर समा गया हूँ
की नज़र मैं ने जब एहसास के आईने में
हर इक कमाल को देखा जो हम ने रू ब-ज़वाल
है राह-रौ के हुए हादसात की दीवार
बिखर के रेत हुए हैं वो ख़्वाब देखे हैं
बना के तोड़ती है दाएरे चराग़ की लौ
आरज़ूएँ कमाल-आमादा