हर तरफ़ हैं ख़ाना-बर्बादी के मंज़र बे-शुमार
हर तरफ़ हैं ख़ाना-बर्बादी के मंज़र बे-शुमार
कुछ ठिकाना है भला इस जज़्बा-ए-तामीर का
(813) Peoples Rate This
हर तरफ़ हैं ख़ाना-बर्बादी के मंज़र बे-शुमार
कुछ ठिकाना है भला इस जज़्बा-ए-तामीर का
(813) Peoples Rate This