उस पल से
उस ने बोझल नीली पलकें खोलीं
बेटे कब तक जागोगे?
बहते आँसू रुक से गए!
सब उम्मीदाना नज़रों से तकने लगे
मैं ने तिलावत रोक के
नूरानी चेहरे को देखा
उस ने आहिस्ता से आँखें मूँदीं!
उस पुल से मैं जाग रहा हूँ
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उस ने बोझल नीली पलकें खोलीं
बेटे कब तक जागोगे?
बहते आँसू रुक से गए!
सब उम्मीदाना नज़रों से तकने लगे
मैं ने तिलावत रोक के
नूरानी चेहरे को देखा
उस ने आहिस्ता से आँखें मूँदीं!
उस पुल से मैं जाग रहा हूँ
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