हामिद इक़बाल सिद्दीक़ी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का हामिद इक़बाल सिद्दीक़ी
नाम | हामिद इक़बाल सिद्दीक़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Hamid Iqbal Siddiqui |
कहाँ तहरीरें मैं ने बाँट दी हैं
कोई नहीं था हुनर-आश्ना तुम्हारे बा'द
इश्क़ से इज्तिनाब कर लेना
तुम अपने ख़्वाब बचा कर रक्खो कि कल दुनिया
मंज़िल कहाँ है दूर तलक रास्ते हैं यार
कोई नहीं था हुनर-आश्ना तुम्हारे बा'द
जुदाइयों के तसव्वुर ही से रुलाऊँ उसे