Love Poetry of Hameed Nag Puri
नाम | हमीद नागपुरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Hameed Nag Puri |
वो चाल चल कि ज़माना भी साथ चलने लगे
तिरे करम से तिरी बे-रुख़ी से क्या लेना
तबस्सुम में न ढल जाता गुदाज़ ग़म तो क्या करते
क़ुबूल कर के तेरा ग़म ख़ुशी ख़ुशी मैं ने
मुझे रहीन-ए-ग़म-ए-जाँ-नवाज़ रहने दे
ख़ुद अपने जज़्ब-ए-मोहब्बत की इंतिहा हूँ मैं
ख़ुद अपने आप से हम बे-ख़बर से गुज़रे हैं
हर ज़र्रा चश्म-ए-शौक़-ए-सर-ए-रहगुज़र है आज
फ़िक्र पाबंदी-ए-हालात से आगे न बढ़ी