Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_9752848f2b960e786b81b4d0bf0abac8, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
सीने में राज़-ए-इश्क़ छुपाया न जाएगा - हमीद जालंधरी कविता - Darsaal

सीने में राज़-ए-इश्क़ छुपाया न जाएगा

सीने में राज़-ए-इश्क़ छुपाया न जाएगा

ये आग वो है जिस को दबाया न जाएगा

सुन लीजिए कि है अभी आग़ाज़-ए-आशिक़ी

फिर हम से अपना हाल सुनाया न जाएगा

अब सुल्ह-ओ-आशती के ज़माने गुज़र गए

अब दोस्ती का हाथ बढ़ाया न जाएगा

हम आह तक भी ला न सकेंगे ज़बान पर

वो रूठ जाएँगे तो मनाया न जाएगा

वो दूर हैं तो दिल को है इक इज़्तिराब सा

वो आएँगे तो आप में आया न जाएगा

(766) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Sine Mein Raaz-e-ishq Chhupaya Na Jaega In Hindi By Famous Poet Hameed Jalandhari. Sine Mein Raaz-e-ishq Chhupaya Na Jaega is written by Hameed Jalandhari. Complete Poem Sine Mein Raaz-e-ishq Chhupaya Na Jaega in Hindi by Hameed Jalandhari. Download free Sine Mein Raaz-e-ishq Chhupaya Na Jaega Poem for Youth in PDF. Sine Mein Raaz-e-ishq Chhupaya Na Jaega is a Poem on Inspiration for young students. Share Sine Mein Raaz-e-ishq Chhupaya Na Jaega with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.