घर में जो इक चराग़ था तुम ने उसे बुझा दिया
घर में जो इक चराग़ था तुम ने उसे बुझा दिया
कोई कभी चराग़ हम घर में न फिर जला सके
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घर में जो इक चराग़ था तुम ने उसे बुझा दिया
कोई कभी चराग़ हम घर में न फिर जला सके
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