Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_01ce806b8ccadc75931afb548d29c3c8, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
बाद-ए-सरसर है नसीम-ए-गुलिस्ताँ मेरे लिए - हकीम मोहम्मद हुसैन अहक़र कविता - Darsaal

बाद-ए-सरसर है नसीम-ए-गुलिस्ताँ मेरे लिए

बाद-ए-सरसर है नसीम-ए-गुलिस्ताँ मेरे लिए

बन गया कुंज-ए-क़फ़स अब आशियाँ मेरे लिए

ज़ाहिदो तुम को मुबारक ख़ाना-का'बा रहे

काफ़ी है सज्दे को संग-ए-आस्ताँ मेरे लिए

साग़र-ओ-मीना सुबू-ओ-जाम का अब ज़िक्र क्या

दुश्मन-ए-जाँ हो गया पीर-ए-मुग़ाँ मेरे लिए

वाह रे गरदून-ए-गर्दां तेरा शौक़-ए-इंतिज़ाम

हो गई है ज़िंदगी बार-ए-गराँ मेरे लिए

दर्द-ए-दिल कहने को आया हूँ सरापा दर्द हूँ

हो अता कुछ वक़्त बहर-ए-दास्ताँ मेरे लिए

हसरत-ए-सोज़ाँ से तकती है उसे बर्क़-ए-तपाँ

शाख़-ए-गुलशन पर बना जो आशियाँ मेरे लिए

(837) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Baad-e-sarsar Hai Nasim-e-gulistan Mere Liye In Hindi By Famous Poet Hakeem Mohammad Husain Ahqar. Baad-e-sarsar Hai Nasim-e-gulistan Mere Liye is written by Hakeem Mohammad Husain Ahqar. Complete Poem Baad-e-sarsar Hai Nasim-e-gulistan Mere Liye in Hindi by Hakeem Mohammad Husain Ahqar. Download free Baad-e-sarsar Hai Nasim-e-gulistan Mere Liye Poem for Youth in PDF. Baad-e-sarsar Hai Nasim-e-gulistan Mere Liye is a Poem on Inspiration for young students. Share Baad-e-sarsar Hai Nasim-e-gulistan Mere Liye with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.