Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_e7782f1df1cde9e619810c0bd4275370, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
मोहब्बत में इंकार कितना हसीं है - हैरत गोंडवी कविता - Darsaal

मोहब्बत में इंकार कितना हसीं है

मोहब्बत में इंकार कितना हसीं है

ये अंदाज़-ए-इक़रार कितना हसीं है

किसी की मोहब्बत में नम हो गया है

तिरा आज रुख़्सार कितना हसीं है

ये माना कि सपना है संसार लेकिन

ये सपनों का संसार कितना हसीं है

दिए हैं जो तुम ने नदामत के आँसू

तुम्हारा गुनहगार कितना हसीं है

गुलों से नहीं शाख़ के दिल से पूछो

कि ये बद-नुमा ख़ार कितना हसीं है

ज़रा आईना देख ओ हुस्न वाले

बता दे मिरा प्यार कितना हसीं है

हुआ था जो 'हैरत' जुदा सब से पहले

गिरेबाँ का वो तार कितना हसीं है

(1087) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Mohabbat Mein Inkar Kitna Hasin Hai In Hindi By Famous Poet Hairat Gondvi. Mohabbat Mein Inkar Kitna Hasin Hai is written by Hairat Gondvi. Complete Poem Mohabbat Mein Inkar Kitna Hasin Hai in Hindi by Hairat Gondvi. Download free Mohabbat Mein Inkar Kitna Hasin Hai Poem for Youth in PDF. Mohabbat Mein Inkar Kitna Hasin Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Mohabbat Mein Inkar Kitna Hasin Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.