मैं वो ग़म-दोस्त हूँ जब कोई ताज़ा ग़म हुआ पैदा
मैं वो ग़म-दोस्त हूँ जब कोई ताज़ा ग़म हुआ पैदा
न निकला एक भी मेरे सिवा उम्मीद-वारों में
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मैं वो ग़म-दोस्त हूँ जब कोई ताज़ा ग़म हुआ पैदा
न निकला एक भी मेरे सिवा उम्मीद-वारों में
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