ये दिल है मिरा या किसी कुटिया का दिया है
ये दिल है मिरा या किसी कुटिया का दिया है
बुझता है दम-ए-सुब्ह तो जलता है सर-ए-शाम
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ये दिल है मिरा या किसी कुटिया का दिया है
बुझता है दम-ए-सुब्ह तो जलता है सर-ए-शाम
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