सिर्फ़ ज़बाँ की नक़्क़ाली से बात न बन पाएगी 'हफ़ीज़'
सिर्फ़ ज़बाँ की नक़्क़ाली से बात न बन पाएगी 'हफ़ीज़'
दिल पर कारी चोट लगे तो 'मीर' का लहजा आए है
(2254) Peoples Rate This
सिर्फ़ ज़बाँ की नक़्क़ाली से बात न बन पाएगी 'हफ़ीज़'
दिल पर कारी चोट लगे तो 'मीर' का लहजा आए है
(2254) Peoples Rate This