तमाम रात आँसुओं से ग़म उजालता रहा

तमाम रात आँसुओं से ग़म उजालता रहा

मैं ग़म उजाल उजाल कर ख़ुशी में ढालता रहा

जवान मेरी हिम्मतें बुलंद मेरे हौसले

हिसार तोड़ता रहा कमंद डालता रहा

बहुत ही तल्ख़ तजरबा तुम्हारी बज़्म में हुआ

हर आदमी मिरी अना के बल निकालता रहा

हैं इल्तवा की गोद के पल्ले सब उस के मसअले

किसी को हल नहीं किया हमेशा टालता रहा

तिरे ख़िलाफ़ इस लिए मिरी ज़बाँ न खुल सकी

मैं अपनी ख़ामियों पे भी निगाह डालता रहा

ख़याल-ए-यार तेरी निगहदाशत इस तरह हुई

दिमाग़ थक के सो गया तो दिल सँभालता रहा

'हफ़ीज़' क्या सुनाऊँ अपनी ख़्वाहिशों की दास्ताँ

पिला पिला के दूध कितने साँप पालता रहा

(1305) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Tamam Raat Aansuon Se Gham Ujalta Raha In Hindi By Famous Poet Hafeez Merathi. Tamam Raat Aansuon Se Gham Ujalta Raha is written by Hafeez Merathi. Complete Poem Tamam Raat Aansuon Se Gham Ujalta Raha in Hindi by Hafeez Merathi. Download free Tamam Raat Aansuon Se Gham Ujalta Raha Poem for Youth in PDF. Tamam Raat Aansuon Se Gham Ujalta Raha is a Poem on Inspiration for young students. Share Tamam Raat Aansuon Se Gham Ujalta Raha with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.