पी लो दो घूँट कि साक़ी की रहे बात 'हफ़ीज़'
पी लो दो घूँट कि साक़ी की रहे बात 'हफ़ीज़'
साफ़ इंकार से ख़ातिर-शिकनी होती है
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साफ़ इंकार से ख़ातिर-शिकनी होती है
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