वो हसीं बाम पर नहीं आता

वो हसीं बाम पर नहीं आता

चाँद अपना नज़र नहीं आता

हूक उठती नहीं है कब दिल से

मुँह को किस दिन जिगर नहीं आता

कौन इस बेकसी में पुरसाँ है

होश दो दो पहर नहीं आता

ये भी सुनना था वाए नाकामी

मरते हैं और मर नहीं आता

थी कभी बात बात में तासीर

अब दुआ में असर नहीं आता

खेल है क्या मिज़ाज-दाँ होना

काम ये उम्र भर नहीं आता

सादगी का हूँ उस की दीवाना

अभी जिस को सँवर नहीं आता

बे-ख़ुदी है कि छाई जाती है

होश आता नज़र नहीं आता

ये हसीं और इल्तिजाएँ 'हफ़ीज़'

रहम तुम को मगर नहीं आता

(805) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Wo Hasin Baam Par Nahin Aata In Hindi By Famous Poet Hafeez Jaunpuri. Wo Hasin Baam Par Nahin Aata is written by Hafeez Jaunpuri. Complete Poem Wo Hasin Baam Par Nahin Aata in Hindi by Hafeez Jaunpuri. Download free Wo Hasin Baam Par Nahin Aata Poem for Youth in PDF. Wo Hasin Baam Par Nahin Aata is a Poem on Inspiration for young students. Share Wo Hasin Baam Par Nahin Aata with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.