Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_3c1ef3f0fff0dc3445a9ad85fc0c054a, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
मुसीबतें तो उठा कर बड़ी बड़ी भूले - हफ़ीज़ जौनपुरी कविता - Darsaal

मुसीबतें तो उठा कर बड़ी बड़ी भूले

मुसीबतें तो उठा कर बड़ी बड़ी भूले

मगर फ़िराक़ की ईज़ा न इक घड़ी भूले

न होगी उस लब-ए-रंगीं की आब-ओ-ताब नसीब

न अपने रंग पे फूलों की पंखुड़ी भूले

किसी ने प्यार से बाहें गले में डाल जो दीं

तमाम हिज्र के सदमे हम उस घड़ी भूले

अभी वो याद हैं सामाँ हमें असीरी के

अभी न तौक़ न बेड़ी न हथकड़ी भूले

तुम्हें जो देख लिया ग़म ग़लत हुआ अपना

तुम्हें जो पा गए सब रंज उस घड़ी भूले

बुरी बला है ये चश्म-ए-सियाह की गर्दिश

उसे जो देख ले आहू तो चौकड़ी भूले

गिरी थी शैख़ की तस्बीह मय-कदे में रात

ख़बर नहीं कि कहाँ नश्शे में छड़ी भूले

'हफ़ीज़' वो दम-ए-रुख़्सत ये कहते जाते हैं

कि मेरी याद न दिल से कोई घड़ी भूले

(783) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Musibaten To UTha Kar BaDi BaDi Bhule In Hindi By Famous Poet Hafeez Jaunpuri. Musibaten To UTha Kar BaDi BaDi Bhule is written by Hafeez Jaunpuri. Complete Poem Musibaten To UTha Kar BaDi BaDi Bhule in Hindi by Hafeez Jaunpuri. Download free Musibaten To UTha Kar BaDi BaDi Bhule Poem for Youth in PDF. Musibaten To UTha Kar BaDi BaDi Bhule is a Poem on Inspiration for young students. Share Musibaten To UTha Kar BaDi BaDi Bhule with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.