Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_24bf519b070e419678a94b62123c7eca, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
जान ही जाए तो जाए दर्द-ए-दिल - हफ़ीज़ जौनपुरी कविता - Darsaal

जान ही जाए तो जाए दर्द-ए-दिल

जान ही जाए तो जाए दर्द-ए-दिल

इक यही है अब दवा-ए-दर्द-ए-दिल

अब तड़पने में मज़ा मिलता नहीं

हो चली जाँ आश्ना-ए-दर्द-ए-दिल

इम्तिहान-ए-ज़ब्त है मंज़ूर आज

जिस क़दर चाहे सताए दर्द-ए-दिल

भागती है दूर जिस से मौत भी

वो बला है ये बला-ए-दर्द-ए-दिल

रहम कब आया किसी बे-दर्द को

हो चुकी जब इंतिहा-ए-दर्द-ए-दिल

खा के कुछ सो रहते हैं हिर्मां-नसीब

एक ये भी है दवा-ए-दर्द-ए-दिल

हम मरीज़ों का नहीं मुमकिन इलाज

ला-दवा हैं मुब्तला-ए-दर्द-ए-दिल

रहती है सीने ही पर तस्वीर-ए-दोस्त

है ये ता'वीज़ इक बरा-ए-दर्द-ए-दिल

रोते रोते बंध गई हिचकी 'हफ़ीज़'

जब कहा कुछ माजरा-ए-दर्द-ए-दिल

(756) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Jaan Hi Jae To Jae Dard-e-dil In Hindi By Famous Poet Hafeez Jaunpuri. Jaan Hi Jae To Jae Dard-e-dil is written by Hafeez Jaunpuri. Complete Poem Jaan Hi Jae To Jae Dard-e-dil in Hindi by Hafeez Jaunpuri. Download free Jaan Hi Jae To Jae Dard-e-dil Poem for Youth in PDF. Jaan Hi Jae To Jae Dard-e-dil is a Poem on Inspiration for young students. Share Jaan Hi Jae To Jae Dard-e-dil with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.