हो तर्क किसी से न मुलाक़ात किसी की

हो तर्क किसी से न मुलाक़ात किसी की

यारब न बिगड़ जाए बनी बात किसी की

पाँव को जो फैला के सर-ए-शाम से सोए

क्या जाने वो किस तरह कई रात किसी की

फ़रमाइए क्यूँ कर वो सहे आप की गाली

उठ सकती न हो जिस से कड़ी बात किसी की

फ़रमाइशें तुम रोज़ करो शौक़ से लेकिन

ये जान लो थोड़ी सी है औक़ात किसी की

मुमकिन है कि समझे न 'हफ़ीज़' आप की चालें

शायर से भी चलती है कहीं घात किसी की

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Ho Tark Kisi Se Na Mulaqat Kisi Ki In Hindi By Famous Poet Hafeez Jaunpuri. Ho Tark Kisi Se Na Mulaqat Kisi Ki is written by Hafeez Jaunpuri. Complete Poem Ho Tark Kisi Se Na Mulaqat Kisi Ki in Hindi by Hafeez Jaunpuri. Download free Ho Tark Kisi Se Na Mulaqat Kisi Ki Poem for Youth in PDF. Ho Tark Kisi Se Na Mulaqat Kisi Ki is a Poem on Inspiration for young students. Share Ho Tark Kisi Se Na Mulaqat Kisi Ki with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.