Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_04169cde678084e89adb0518f00413fa, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
दिल में हैं वस्ल के अरमान बहुत - हफ़ीज़ जौनपुरी कविता - Darsaal

दिल में हैं वस्ल के अरमान बहुत

दिल में हैं वस्ल के अरमान बहुत

जम्अ' इस घर में हैं मेहमान बहुत

आए तो दस्त-ए-जुनूँ ज़ोरों पर

चाक करने को गरेबान बहुत

मेरी जानिब से दिल उस का न फिरा

दुश्मनों ने तो भरे कान बहुत

ले के इक दिल ग़म-ए-कौनैन दिया

आप के मुझ पे हैं एहसान बहुत

तर्क-ए-उल्फ़त का हमीं को है ग़म

वो भी हैं दिल में पशेमान बहुत

दिल के वीराने का है आलम कुछ और

हम ने देखे हैं बयाबान बहुत

ख़ाक होने को हज़ारों हसरत

ख़ून होने को हैं अरमान बहुत

सदमा-ए-हिज्र उठाना मुश्किल

जान देना तो है आसान बहुत

रश्क जिन पर है फ़रिश्तों को 'हफ़ीज़'

ऐसे दुनिया में हैं इंसान बहुत

(878) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Dil Mein Hain Wasl Ke Arman Bahut In Hindi By Famous Poet Hafeez Jaunpuri. Dil Mein Hain Wasl Ke Arman Bahut is written by Hafeez Jaunpuri. Complete Poem Dil Mein Hain Wasl Ke Arman Bahut in Hindi by Hafeez Jaunpuri. Download free Dil Mein Hain Wasl Ke Arman Bahut Poem for Youth in PDF. Dil Mein Hain Wasl Ke Arman Bahut is a Poem on Inspiration for young students. Share Dil Mein Hain Wasl Ke Arman Bahut with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.