Hope Poetry of Hafeez Jalandhari (page 2)
नाम | हफ़ीज़ जालंधरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Hafeez Jalandhari |
जन्म की तारीख | 1900 |
मौत की तिथि | 1982 |
जन्म स्थान | Lahore |
क्यूँ हिज्र के शिकवे करता है क्यूँ दर्द के रोने रोता है
कोई दवा न दे सके मशवरा-ए-दुआ दिया
कोई चारा नहीं दुआ के सिवा
किसी के रू-ब-रू बैठा रहा मैं बे-ज़बाँ हो कर
जवानी के तराने गा रहा हूँ
जल्वा-ए-हुस्न को महरूम-ए-तमाशाई कर
इश्क़ ने हुस्न की बे-दाद पे रोना चाहा
इश्क़ ने अक़्ल को दीवाना बना रक्खा है
इश्क़ में छेड़ हुई दीदा-ए-तर से पहले
इश्क़ के हाथों ये सारी आलम-आराई हुई
इन गेसुओं में शाना-ए-अरमाँ न कीजिए
दिल-ए-बे-मुद्दआ है और मैं हूँ
दिल से तिरा ख़याल न जाए तो क्या करूँ
दिल को वीराना कहोगे मुझे मालूम न था
चले थे हम कि सैर-ए-गुलशन-ए-ईजाद करते हैं
बे-तअल्लुक़ ज़िंदगी अच्छी नहीं
ऐ दोस्त मिट गया हूँ फ़ना हो गया हूँ मैं
अगर मौज है बीच धारे चला चल
अब तो कुछ और भी अंधेरा है
आने वाले जाने वाले हर ज़माने के लिए
आख़िर एक दिन शाद करोगे