Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_d2f62d668eaecbd0c0db6f3adf71b2ad, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
कव्वा - हफ़ीज़ जालंधरी कविता - Darsaal

कव्वा

आगे पीछे दाएँ बाएँ

काएँ काएँ काएँ काएँ

सुब्ह-सवेरे नूर के तड़के

मुँह धो-धा कर नन्हे लड़के

बैठते हैं जब खाना खाने

कव्वे लगते हैं मंडलाने

तौबा तौबा ढीट हैं कितने

कव्वे हैं या काले फ़ित्ने

लाख हँकाओ लाख उड़ाओ

मुँह से चीख़ो हाथ हिलाओ

घूरो घुड़को या धुतकारो

कोई चीज़ उठा कर मारो

कव्वे बाज़ नहीं आते हैं

जाते हैं फिर आ जाते हैं

हर दम है खाने की आदत

शोर मचाने की है आदत

बच्चों से बिल्कुल नहीं डरता

उन की कुछ परवा नहीं करता

देखा नन्हा भोला-भाला

छीन लिया हाथों से निवाला

कोई इशारा हो या आहट

ताड़ के उड़ जाता है झट-पट

अब करने दो काएँ काएँ

हम क्यूँ अपनी जान खपाएँ

(1450) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Kawwa In Hindi By Famous Poet Hafeez Jalandhari. Kawwa is written by Hafeez Jalandhari. Complete Poem Kawwa in Hindi by Hafeez Jalandhari. Download free Kawwa Poem for Youth in PDF. Kawwa is a Poem on Inspiration for young students. Share Kawwa with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.