ज़िक्र उस्ताद-ए-फ़न का जाने दे
किसी नक़्क़ाद-ए-फ़न का हाल सुना
ख़ालिक़ान-ए-सुख़न की फ़िक्र न कर
क़ातिला-ए-सुख़न की चाल सुना
Wasi Shah
Jaun Eliya
Mir Taqi Mir
Parveen Shakir
Rahat Indori
Allama Iqbal
Habib Jalib
Gulzar
Ahmad Faraz
Faiz Ahmad Faiz
Mohsin Naqvi
Anwar Masood
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अब ख़ूब हँसेगा दीवाना
नासेह को बुलाओ मिरा ईमान सँभाले
चले थे हम कि सैर-ए-गुलशन-ए-ईजाद करते हैं
बात भी जिस से अब नहीं मुमकिन
उभरे जो ख़ाक से वो तह-ए-ख़ाक हो गए
ओ दिल तोड़ के जाने वाले दिल की बात बताता जा
अहबाब का शिकवा क्या कीजिए ख़ुद ज़ाहिर ओ बातिन एक नहीं
शाएर
आशिक़ सा बद-नसीब कोई दूसरा न हो
हैरान न हो देख मैं क्या देख रहा हूँ
बसंती तराना
भुलाई नहीं जा सकेंगी ये बातें