कोई चारा नहीं दुआ के सिवा

कोई चारह नहीं दुआ के सिवा

कोई सुनता नहीं ख़ुदा के सिवा

मुझ से क्या हो सका वफ़ा के सिवा

मुझ को मिलता भी क्या सज़ा के सिवा

बर-सर-ए-साहिल मुराद यहाँ

कोई उभरा है नाख़ुदा के सिवा

कोई भी तो दिखाओ मंज़िल पर

जिस को देखा हो रहनुमा के सिवा

दिल सभी कुछ ज़बान पर लाया

इक फ़क़त अर्ज़-ए-मुद्दआ के सिवा

कोई राज़ी न रह सका मुझ से

मेरे अल्लाह तिरी रज़ा के सिवा

बुत-कदे से चले हो काबे को

क्या मिलेगा तुम्हें ख़ुदा के सिवा

दोस्तों के ये मुख़्लिसाना तीर

कुछ नहीं मेरी ही ख़ता के सिवा

मेहर ओ मह से बुलंद हो कर भी

नज़र आया न कुछ ख़ला के सिवा

ऐ 'हफ़ीज़' आह आह पर आख़िर

क्या कहें दोस्त वाह वा के सिवा

(1242) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Koi Chaara Nahin Dua Ke Siwa In Hindi By Famous Poet Hafeez Jalandhari. Koi Chaara Nahin Dua Ke Siwa is written by Hafeez Jalandhari. Complete Poem Koi Chaara Nahin Dua Ke Siwa in Hindi by Hafeez Jalandhari. Download free Koi Chaara Nahin Dua Ke Siwa Poem for Youth in PDF. Koi Chaara Nahin Dua Ke Siwa is a Poem on Inspiration for young students. Share Koi Chaara Nahin Dua Ke Siwa with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.