Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_b798793a2063de9ebd854abd0577a586, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
कल ज़रूर आओगे लेकिन आज क्या करूँ - हफ़ीज़ जालंधरी कविता - Darsaal

कल ज़रूर आओगे लेकिन आज क्या करूँ

कल ज़रूर आओगे लेकिन आज क्या करूँ

बढ़ रहा है क़ल्ब का इख़्तिलाज क्या करूँ

क्या करूँ कोई नहीं एहतियाज दोस्त को

और मुझ को दोस्त की एहतियाज क्या करूँ

अब वो फ़िक्रमंद हैं कह दिया तबीब ने

इश्क़ है जुनूँ नहीं मैं इलाज क्या करूँ

ग़ैरत-ए-रक़ीब का शिकवा कर रहे हो तुम

इस मुआमले में सख़्त है मिज़ाज क्या करूँ

मा-सिवा-ए-आशिक़ी और कुछ किया भी हो

सूझता ही कुछ नहीं काम-काज क्या करूँ

महव-ए-कार-ए-दीं हूँ मैं बोरिया-नशीं हूँ मैं

राहज़न नहीं हूँ मैं तख़्त-ओ-ताज क्या करूँ

ज़ोर और ज़र बग़ैर इश्क़ क्या करूँ 'हफ़ीज़'

चल गया है मुल्क में ये रिवाज क्या करूँ

(1147) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Kal Zarur Aaoge Lekin Aaj Kya Karun In Hindi By Famous Poet Hafeez Jalandhari. Kal Zarur Aaoge Lekin Aaj Kya Karun is written by Hafeez Jalandhari. Complete Poem Kal Zarur Aaoge Lekin Aaj Kya Karun in Hindi by Hafeez Jalandhari. Download free Kal Zarur Aaoge Lekin Aaj Kya Karun Poem for Youth in PDF. Kal Zarur Aaoge Lekin Aaj Kya Karun is a Poem on Inspiration for young students. Share Kal Zarur Aaoge Lekin Aaj Kya Karun with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.