Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_bfb6d7e2d585f58b8b0031cef2bf8eb1, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
इश्क़ में छेड़ हुई दीदा-ए-तर से पहले - हफ़ीज़ जालंधरी कविता - Darsaal

इश्क़ में छेड़ हुई दीदा-ए-तर से पहले

इश्क़ में छेड़ हुई दीदा-ए-तर से पहले

ग़म के बादल जो उठे तो यहीं पर से पहले

अब जहन्नम में लिए जाती है दिल की गर्मी

आग चमकी थी ये अल्लाह के घर से पहले

हाथ रख रख के वो सीने पे किसी का कहना

दिल से दर्द उठता है पहले कि जिगर से पहले

दिल को अब आँख की मंज़िल में बिठा रक्खेंगे

इश्क़ गुज़रेगा इसी राहगुज़र से पहले

वो हर वादे से इंकार ब-तर्ज़-ए-इक़रार

वो हर इक बात पे हाँ लफ़्ज़-ए-मगर से पहले

मेरे क़िस्से पे वही रौशनी डाले शायद

शम-ए-कम-माया जो बुझती है सहर से पहले

चाक-ए-दामानी-ए-गुल का है गिला क्या बुलबुल

कि उलझता है ये ख़ुद बाद-ए-सहर से पहले

कुछ समझदार तो हैं नाश उठाने वाले

ले चले हैं मुझे इस राहगुज़र से पहले

दिल नहीं हारते यूँ बाज़ी-ए-उल्फ़त में 'हफ़ीज़'

खेल आग़ाज़ हुआ करता है सर से पहले

(950) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Ishq Mein ChheD Hui Dida-e-tar Se Pahle In Hindi By Famous Poet Hafeez Jalandhari. Ishq Mein ChheD Hui Dida-e-tar Se Pahle is written by Hafeez Jalandhari. Complete Poem Ishq Mein ChheD Hui Dida-e-tar Se Pahle in Hindi by Hafeez Jalandhari. Download free Ishq Mein ChheD Hui Dida-e-tar Se Pahle Poem for Youth in PDF. Ishq Mein ChheD Hui Dida-e-tar Se Pahle is a Poem on Inspiration for young students. Share Ishq Mein ChheD Hui Dida-e-tar Se Pahle with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.