Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_10adbfa7325815b2dddb4159eb39b697, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
हैरान न हो देख मैं क्या देख रहा हूँ - हफ़ीज़ जालंधरी कविता - Darsaal

हैरान न हो देख मैं क्या देख रहा हूँ

हैरान न हो देख मैं क्या देख रहा हूँ

बंदे तिरी सूरत में ख़ुदा देख रहा हूँ

वो अपनी जफ़ाओं का असर देख रहे हैं

मैं मअनी-ए-तस्लीम-ओ-रज़ा देख रहा हूँ

दुज़्दीदा निगाहों से किधर देख रहे हो

क्या बात है! ये आज मैं क्या देख रहा हूँ

है हुस्न यही शय तो गुमाँ और न कीजे

सौदा नहीं मतलूब ज़रा देख रहा हूँ

किस तरह न क़ाइल हूँ दुआ-ए-सहरी का

उस लब पे तबस्सुम की ज़िया देख रहा हूँ

क्यूँ अर्ज़-ए-वतन तंग है ये बात ही क्या है

अब तो फ़क़त इक क़ब्र की जा देख रहा हूँ

मर जाने की धमकी हुई तम्हीद-ए-तमाशा

मैं ने कहा देख उस ने कहा देख रहा हूँ

(1549) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Hairan Na Ho Dekh Main Kya Dekh Raha Hun In Hindi By Famous Poet Hafeez Jalandhari. Hairan Na Ho Dekh Main Kya Dekh Raha Hun is written by Hafeez Jalandhari. Complete Poem Hairan Na Ho Dekh Main Kya Dekh Raha Hun in Hindi by Hafeez Jalandhari. Download free Hairan Na Ho Dekh Main Kya Dekh Raha Hun Poem for Youth in PDF. Hairan Na Ho Dekh Main Kya Dekh Raha Hun is a Poem on Inspiration for young students. Share Hairan Na Ho Dekh Main Kya Dekh Raha Hun with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.