Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_7fd4bb2b8fd28a88932651e555995f03, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
भागते सायों के पीछे ता-ब-कै दौड़ा करें - हफ़ीज़ बनारसी कविता - Darsaal

भागते सायों के पीछे ता-ब-कै दौड़ा करें

भागते सायों के पीछे ता-ब-कै दौड़ा करें

ज़िंदगी तू ही बता कब तक तिरा पीछा करें

रू-ए-गुल हो चेहरा-ए-महताब हो या हुस्न-ए-दोस्त

हर चमकती चीज़ को कुछ दूर से देखा करें

बे-नियाज़ी ख़ुद सरापा इल्तिजा बन जाएगी

आप अपनी दास्ताँ में हुस्न तो पैदा करें

दिल कि था ख़ुश-फ़हम आगाह-ए-हक़ीक़त हो गया

शुक्र भेजें या तिरी बेदाद का शिकवा करें

मुग़्बचों से मोहतसिब तक सैकड़ों दरबार हैं

एक साग़र के लिए किस किस को हम सज्दा करें

तिश्नगी हद से बढ़ी है मश्ग़ला कोई नहीं

शीशा-ओ-साग़र न तोड़ें बादा-कश तो क्या करें

दूसरों पर तब्सिरा फ़रमाने से पहले 'हफ़ीज़'

अपने दामन की तरफ़ भी इक नज़र देखा करें

(864) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Bhagte Sayon Ke Pichhe Ta-ba-kai DauDa Karen In Hindi By Famous Poet Hafeez Banarasi. Bhagte Sayon Ke Pichhe Ta-ba-kai DauDa Karen is written by Hafeez Banarasi. Complete Poem Bhagte Sayon Ke Pichhe Ta-ba-kai DauDa Karen in Hindi by Hafeez Banarasi. Download free Bhagte Sayon Ke Pichhe Ta-ba-kai DauDa Karen Poem for Youth in PDF. Bhagte Sayon Ke Pichhe Ta-ba-kai DauDa Karen is a Poem on Inspiration for young students. Share Bhagte Sayon Ke Pichhe Ta-ba-kai DauDa Karen with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.